कार्डियक अरेस्ट और आर्गन फेल्योर से पहले मिलेगा अलर्ट,IIT BHU ने किया ये कमाल का खोज
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वाराणसी l हर कोई अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहता है.इसके लिए आजकल तमाम चेकअप भी कराए जाते है.कोरोना के बाद ऐसा देखा गया है कि कार्डियक अरेस्ट और आर्गन फेल्योर की समस्या लोगों में बढ़ती जा रही है.इस अंजान खतरें को आप समय रहतें जान पाएंगे. इसके लिए आईआईटी बीएचयू के एक्सपर्ट ने बड़ी खोज की है.संस्थान के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के रिसर्चर ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है जो इन समस्याओं के आने से पहले ही अलर्ट करेगा.
आईआईटी बीएचयू का के रिसर्चर की ये तकनीक कार्डियक अरेस्ट और ऑर्गन फेल्योर की समस्या की जानकारी देने वाली दुनिया की पहली तकनीक होगी.रिसर्चर सुमित कुमार ने बताया कि सीटी स्कैन और एमआरआई रिपोर्ट से किसी भी व्यक्ति के बॉडी के बारे में जानकारी मिलती है.इन रिपोर्ट्स को जब तैयार किए गए कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर पर अध्ययन किया जाता है तो ह्यूमन बॉडी की सक्रियता,ह्रदय,फेफड़े,लिवर और धमनियों के ब्लॉकेज का भी सही आंकलन किया जा सकता है.
पहले मिलेगी आर्गन फेल्योर की जानकारी
जिससे आर्गन फेल्योर होने की स्थिति में पहले ही उसके बारे में जानकारी मिल सकती है.इसके अलावा समय रहते उसका इलाज भी कराकर ऐसे अंजान खतरे से बचा जा सकता है.बताते चलें कि सुमित आईसीएमआर के प्रोजेक्ट के तहत इस खास कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर को तैयार किया है. इतना ही नहीं बाकायदा इसपर उन्होंने शोध पत्र भी लिखा है.इस काम में आईआईटी कानपुर के डॉ बीवी रथीस कुमार ने भी मदद की
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वाशिंगटन प्रेस में रिसर्च हुआ प्रकाशित
सुमित के इस रिसर्च को अमेरिका के वाशिंगटन प्रेस में प्रकाशित भी किया गया है.सुमित के मुताबिक, सिटी स्कैन की रिपोर्ट में बहुत सारी चीजें ऐसी होती है जिससे मरीजों के आने वाले बीमारी का पता नहीं लगता है.लेकिन इस तकनीक के जरिए हम बिना किसी सर्जरी के नस और धमनी में आने वाली परेशानियों का सटीक एनालिसिस कर सकतें है.इसके अलावा ये भी पता लगा सकतें है इन ब्लॉकेज के कारण ह्यूमन बॉडी में भविष्य में किन जगहों पर दिक्कत आ सकती है.ऐसे में हम समय रहतें उसका इलाज भी कर सकतें है.
3 डी मॉडल करता है तैयार
बता दें कि ये कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर मनुष्य का एक 3डी मॉडल तैयार करेगा और फिर उसी मॉडल के जरिए ये एनालिसिस करेगा कि ह्यूमन बॉडी में किस तरह की समस्या भविष्य में आ सकती हैं.