वाराणसी:प्रेगनेंसी के दौरान हो रही समस्या....तुरंत कराए इलाज वरना

वाराणसी l गर्भवती महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) और देखभाल के उद्देश्य से प्रत्येक माह की एक,नौ,सोलह और चौबीस तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जाता है। इसी क्रम में बुधवार 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस जनपद के प्रत्येक नगरीय व ग्रामीण प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों सहित जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा, लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर में वृहद रूप से मनाया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर पीएमएसएमए दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य केन्द्रों पर आईं गर्भवती की महिला चिकित्सकों द्वारा प्रसव पूर्व सभी जाँचें, यूरिन जांच, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, सिफ़लिस, हीमोग्लोबिन व पेट से जुड़ी अन्य जांच की निःशुल्क सुविधा दी गई। इसके साथ ही नव दंपति व परिवार नियोजन वाले लाभार्थियों को स्वस्थ परिवार-खुशहाल परिवार के लिए परामर्श भी दिया गया।
सीएमओ ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को स्वास्थ्य को लेकर बहुत ही सजग रहने की आवश्यकता है। इस दौरान उन्हें संतुलित और स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए जिससे गर्भस्थ शिशु को भी बेहतर आहार मिलता रहे। इसके साथ ही गर्भवती को प्रसव पूर्व सभी जाँचे (कम से कम चार) आवश्यक रूप से करानी चाहिए, जिससे उन्हें उपयुक्त चिकित्सीय परामर्श मिलती रहे। गर्भावस्था के दौरान कम से कम 180 कैल्सियम और आयरन की गोली का सेवन आवश्यक रूप से करना चाहिए, जिससे रक्त अल्पता की बीमारी को दूर किया जा सके।
एसीएमओ (आरसीएच) डॉ एचसी मौर्या ने बताया कि जनपद के सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर कुल 2586 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) जांच की गई, जिसमें 278 महिलाएं एचआरपी के लिए चिन्हित की गईं। उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर को कम करने, गर्भवती की बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, प्रसव पूर्व जांच एवं उन्हें समय पर उचित इलाज मुहैया कराने के लिए पीएमएसएमए दिवस प्रत्येक माह की नौ तारीख को मनाया जाता है। इस दिवस पर चिकित्सालय पर तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा प्रसव पूर्व जांच की गयी। जांच के बाद उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं को चिन्हित किया गया और उच्च स्तरीय इकाई पर संदर्भित किया गया एवं निःशुल्क दवा, आवश्यक चिकित्सीय व पोषण परामर्श भी दिया गया। उन्होंने बताया कि उन्हें स्वस्थ एवं संतुलित खान-पान, कैल्सियम और आयरन की गोली खाने के लिए सलाह भी दी गई।
शहरी सीएचसी दुर्गाकुंड की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अंजली ने बताया कि दिवस के दौरान यदि किसी गर्भवती में कोई गंभीर लक्षण जैसे तेज बुखार, तेज सिरदर्द, धुंधला दिखना, त्वचा का पीलापन होना, दौरे पड़ना, उच्च रक्तचाप, योनि से रक्तस्राव, हाथ पैरों या चेहरे पर सूजन, भ्रूण का कम हिलना या निकलना आदि दिखते हैं तो उन्हें एचआरपी की श्रेणी में रखा जाता है, जिससे उच्च स्वास्थ्य इकाईयों पर प्राथमिकता के आधार चिकित्सीय सुविधा दी जा सके और सुरक्षित प्रसव कराया जा सके।
दुर्गाकुंड सीएचसी पर पहुंची छित्तूपुर निवासी 28 वर्षीय लाभार्थी सुमन चौहान ने बताया कि उन्होंने गर्भावस्था की तीसरी तिमाही की सभी प्रसव पूर्व जांच करवाई। डॉक्टर ने बताया कि मेरा हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य है। खान-पान पर ध्यान देने के लिए कहा। दूसरी लाभार्थी नरायनपुर निवासी 27 वर्षीय अन्तरा चौहान ने बताया कि आशा कार्यकर्ता की मदद से मैंने केंद्र पर प्रसव पूर्व जांच कराई। हीमोग्लोबिन सामान्य से थोड़ा कम है इसलिए डॉक्टर ने दवा के साथ आयरन की गोली और पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी है। हम सभी को घर के पास स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं, इस सुविधा के लिए सरकार का बहुत-बहुत धन्यबाद|