Kanya Pujan:नवरात्र में करने जा रहे कन्या पूजन,यहां जान लें पूजन से जुड़े सारे नियम...

Kanya Pujan:नवरात्र में करने जा रहे कन्या पूजन,यहां जान लें पूजन से जुड़े सारे नियम...

वाराणसी l शक्ति उपासना के पर्व नवरात्र में देवी के नौ स्वरूपों की पूजा होती है.नौ दिन पूजा साथ देवी भक्त कन्या स्वरूप में देवी का पूजन भी करतें है,जिसे कन्या पूजन कहा जाता है.नवरात्र की अष्ठमी या नवमी तिथि को कन्या पूजन का विधान है. शास्त्रों के मुताबिक, नवरात्र में कन्या पूजन के बिना देवी की पूजा अधूरी मानी जाती है.खासकर उनके लिए जो नौ दिन व्रत के साथ कलश स्थापना भी करतें है.यदि आप भी नवरात्र में कन्या पूजन करने जा रहे है तो ये जरूरी नियम आप भी जान लें.

काशी के विद्वान और ज्योतिषविद पण्डित संजय उपाध्याय ने बताया कि नवरात्र में यूं तो नौ दिन कन्या पूजन होता है लेकिन उसमें अष्ठमी और नवमी तिथि सर्वोत्तम है.कन्या पूजन के लिए 2 से 10 साल की कन्याओं का पूजन ही करना चाहिए.उम्र के हिसाब से उनके नाम भी है.दो साल की कन्या को कन्या कुमारी,तीन साल की कन्या को त्रिमूर्ति,चार साल को कल्याणी, पांच साल को रोहिणी, छः साल को कालिका,सात साल को चण्डिका,आठ साल को शाम्भवी, नौ साल को दुर्गा और 10 साल की कन्या को शुभद्रा कहतें है.

कन्या पूजन में करें ये काम

कन्या पूजन से पहले श्रद्धालु को स्नान करके कन्या भोज तैयार करना चाहिए.इसमें खीर,पूड़ी,हलवा का प्रसाद तैयार करना चाहिए.इज़के बाद कन्या पूजन के समय कन्याओं का पैर घुलने के बाद उन्हें आलता लगाना चाहिए और कन्या पूजन से पहले उन्हें चुनरी,फूल भी चढ़ाना चाहिए.इससे देवी का आशीर्वाद मिलता है और जीवन के कष्ट भी दूर हो जातें है.

इन कन्याओं के पूजन से मिलेगा लाभ

पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि नवरात्र में ब्राह्मण की कन्या का पूजन करने से यश की प्राप्ति होती है.इसके अलावा क्षत्रिय कन्याओं का पूजन से समृद्धि आती है वहीं धन प्राप्ति के लिए वैश्य की कन्या का पूजन करना चाहिए. संतान प्राप्ति के लिए शुद्र की कन्या का पूजन करना चाहिए.