पहले सोमवार को यादव बंधुओं ने किया जलाभिषेक, निभाई परम्परा...

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वाराणसी। चंद्रवंशी गोप सेवा समिति ने जलाभिषेक प्रदेश अध्यक्ष लालजी यादव के नेतृत्व में सावन के प्रथम सोमवार को श्री गौरी केदारेश्वर से जलाभिषेक यात्रा प्रारंभ की। अपने पारंपरिक मार्गों से होते हुए तिलभाण्डेश्वर महादेव, शीतला माता अहिल्येश्वर महादेव का जलाभिषेक किया, इसके उपरांत ढुण्डीराज गणेश होते हुए बाबा काशी विश्वनाथ, महामृत्युंजय महादेव, त्रिलोचन महादेव, ओमकालेश्वर महादेव, लाटभैरव को जलाभिषेक कर यात्रा सम्पन्न की।

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इस कोरोना महामारी को देखते हुए शासन व प्रशासन के निर्देशानुसार यादव बंधुओं ने सन् 1932 से स्व. भोला सरदार व चुन्नी सरदार द्वारा स्थापित चली आ रही पंरपरा का निर्वहन किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मुंह पर मास्क लगाकर 'हर-हर महादेव उद्घोष के साथ 11 यादव बंधुओं के साथ-साथ समाज के प्रतीक चिन्ह के रूप में स्थापित पीतल का ध्वज व डमरू समाज की ऐतिहासिक चीजों की बुलंदी को दरसाते हुए साथ-साथ चल रहा था।

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समिति के प्रदेश अध्यक्ष लालजी यादव ने कहा कि बाबा काशी विश्वनाथ सहित नौ शिवालयों के महादेव से कामना किया गया कि इस कोरोना जैसी महामारी से देश व विश्व को मुक्त करायें। सभी लोग खुशहाल रहें व हमारे देश व साथ ही साथ पूरे विश्व में सुख शान्ति बनी रहे और इस कोरोना जैसी महामारी में जिन लोगों ने समाज के हर वर्ग व समुदाय की मदद की है, समिति उन लोगों का हार्दिक अभिनंदन करती है।

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साथ ही साथ शासन व प्रशासन का साधुवाद देती है। क्योंकि उन्होंने 1932 से चली आ रही यादव बंधुओं की परंपरा का निर्वहन कराया। चंद्रवंशी गोप समिति के संरक्षक श्रीमती शालिनी ने 11 यादव बंधुओं को दिशानिर्देश देकर गौरीकेदारेश्वर को प्रणाम कर रवाना किया। जलाभिषेक यात्रा में चन्द्रवंशी गोप सेवा समिति के अध्यक्ष लालजी यादव, विनय यादव, बल्ली सरदार, नाटे यादव, मनोज यादव, आयुष्मान यादव, दिग्विजय यादव, शिवांषु यादव, सम्मिलित थे। समाज के ध्वज का प्रतिक पितल के झंडे का संचालन दुर्गा सरदार व डमरू का संचालन विष्णु यादव कर रहे थे।