वाराणसी में चलती ट्रेन से गिरने से बाप-बेटी की मौत:दिल्ली से दरभंगा जा रहे थे; बेटी को बचाने के चक्कर में दोनों की जान गई
वाराणसी l वाराणसी में एक दर्दनाक घटना हुई है। यहां चलती ट्रेन से तीन साल की बच्ची नीचे गिर गई। उसे बचाने के लिए उसके पिता ने छलांग लगा दी। हादसे में दोनों की मौत हो गई।
शुरुआत में ऐसी जानकारी आई थी कि पिता ने बेटी को गोद में लेकर चलती ट्रेन से छलांग लगाई है। मगर, परिजनों ने इसे खारिज कर दिया। उनका कहना है कि बेटी को बचाने के चक्कर में पिता भी हादसे का शिकार हुआ है।
स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से अपने घर जा रहा था
दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में काम करने वाला हीरा राईन (32) मूल रूप से दरभंगा के भवानीपुर थाना के घनश्यामपुर गांव का रहने वाला था। रविवार को अपनी बेटी रोजी परवीन (3), पत्नी जरीना खातून और साले फिरोज के साथ स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस ट्रेन से नई दिल्ली से दरभंगा जा रहा था।
हीरा के साले ने सुनाई आंखों देखी
हीरा के साले फिरोज ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस ट्रेन की जनरल बोगी में जगह नहीं थी। स्लीपर में बर्थ के लिए टीटीई को पैसा दिया गया था। उसने वादा किया था कि बर्थ दिला देगा। हीरा अपने परिवार के साथ स्लीपर बर्थ के गेट पर बैठा हुआ था। मासूम बच्ची इर से उधर भाग रही थी। ट्रेन जब मिर्जामुराद क्षेत्र के बहेड़वां हाल्ट के पास पहुंची तो बेटी अचानक गेट की ओर भागी और नीचे गिर गई।
जब तक हीरा की पत्नी या बाकी यात्री कुछ समझ पाते तब तक उसने बेटी को बचाने के लिए ट्रेन से छलांग लगा दी। आनन-फानन जरीना ने चेन पुलिंग करके ट्रेन रुकवाई। यात्रियों ने नीचे उतर कर देखा तो मासूम रोजी की मौत हो चुकी थी। घायल हीरा को BHU ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
आधे घंटे तक रुकी रही ट्रेन
मिर्जामुराद थाने की पुलिस के अनुसार, महिला से मिली जानकारी के आधार पर परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई थी। वाराणसी में रहने वाले उनके परिजन आ भी गए हैं। पिता और पुत्री का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया जा रहा है। वहीं, इस घटना के कारण लगभग आधे घंटे से अधिक समय तक ट्रेन बहेड़वां गांव के सामने रुकी रही।