Chhath Puja:काशी में 'मिनी बिहार' की झलक,घाटों पर उमड़ी भीड़ छठ गीतों से गुंजा शहर
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वाराणसी : यूपी के वाराणसी में छठ के महापर्व का उत्सव बिहार जैसा नजर आया.सोमवार को काशी के गंगा घाट पर लाखों व्रती महिलाएं भगवान सूर्य की उपासना करती नजर आई.अस्सी घाट से राज घाट तक हर तरफ व्रती महिलाओं की भीड़ नजर आई.घाटों पर दिखे इस भीड़ ने मिनी बिहार का अहसास कराया.हालांकि आसमान में काले बादलों के कारण भगवान सूर्य के दर्शन नहीं हुए.
अस्सी घाट पर वेदियों पर पूजा करती महिलाओं ने छठी मैया से संतान की सलामती के साथ घर परिवार में सुख समृद्धि की कामना की.इस दौरान व्रती महिलाओं ने छठी मैया के गीत भी गाएं. सूर्यास्त के साथ महिलाओं ने भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया.वहीं कुछ लोगों ने अपने घर के छतों पर भी वेदी और कृत्रिम कुंड बनाकर पूजा की.
व्रती महिला ने बताया कि छठ के महापर्व की पूजा का शास्त्रों में बहुत महत्व है.छठी मैया की पूजा की कृपा से ही उन्हें सब कुछ मिला है.इस पूजा का प्रभाव है कि जो भी इस व्रत को सच्चे मन से करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.
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उगते सूर्य को अर्ध्य देकर होगा पूजा का समापन
पंडित सुभाष पाण्डेय ने बताया कि कलयुग में एकमात्र सूर्य देवता ही ऐसे देवता है.जिनके साक्षात दर्शन होतें है.इसकी पूजा सर्वोपरि है.इस पूजा में भगवान सूर्य और छठी मैया को नया धान,नए फल और सब्जियां चढ़ाई जाती है.इसके साथ ही महाप्रसाद के तौर पर उन्हें ठेकुआ चढ़ाया जाता है.उन्होंने बताया कि छठ पूजा ही एकमात्र ऐसी पूजा है जिसमें डूबते सूर्य को भी अर्ध्य देने का विधान है.बता दें कि इस पूजा का समापन मंगलवार को उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ होगा.
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सूर्य सरोवर पर भी भीड़
काशी के घाटों के अलावा बनारस रेल इंजन कारखने के सूर्य सरोवर पर भी श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही.उधर,वरुणा किनारे और कुंड तालाब पर भी अच्छी खासी भीड़ दिखी. प्रशासन ने भी घाटों से लेकर गंगा की गोद तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए.गंगा की लहरों पर एनडीआरएफ के जवानों ने गश्त किया.
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