सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना पीएम का संसदीय कार्यालय

सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना पीएम का संसदीय कार्यालय

वाराणसी : लगातार सोशल मीडिया के दुरुपयोग का  मामला प्रकाश में सामने आ रहा है ताजा मामला खुद पीएम मोदी की सांसद ही कार्यालय का है जहां पर  सोशल मीडिया OLX पर बेचने के लिए डाला विज्ञापन, लगाई साढ़े सात करोड़ कीमत पीएम नरेंद्र मोदी का वाराणसी में नया संसदीय कार्यालय एक बार फ‍िर से चर्चा के केंद्र में है। इस बार शरारती तत्वों ने जवाहरनगर एक्‍सटेंशन स्थित पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय को ओएलएक्‍स पर बिक्री के लिए डाला है। ओएलएक्‍‍‍स पर पीएम के संसदीय कार्यालय को बेचने का विज्ञापन आने के बाद से ही चर्चा शुरू हो गई कि आखिरकार पीएम का संसदीय कार्यालय बिक क्‍यों रहा है। वाणिज्यिक साइट पर बेचने के लिए संसदीय जनसंपर्क कार्यालय की कीमत करीब साढ़े सात करोड़ लगाई गई है। आनलाइन प्लेटफार्म ओएलएक्स के मुताबिक लक्ष्मीकांत ओझा नामक व्यक्ति ने इस विज्ञापन को पोस्ट किया है, लेकिन यह सही है या गलत इसकी जांच की जा रही है ओएलएक्‍स पर बेचेे जा रहे जवाहरनगर एक्‍सटेंशन में पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय की कीमत करीब साढ़े सात करोड़ लगाई गई है। वहीं कार्यालय को बेचने की कीमत लगाने के साथ ही बेचने वाले का नाम लक्ष्‍मीकांत ओझा का दिया गया है। ओएलएक्‍स पर विज्ञापन संख्‍या  ID 1612346492 में जानकारी दी गई। विज्ञापन में हाउस का प्रकार हाउसेज एंड विला, चार बेडरूम बाथरूम के साथ, फुल फर्निश्‍ड रेडी टू मूव, लिस्‍टेड बाई डीलर, बिल्‍ड अप एरिया 6500 वर्ग फुट, दो मंजिल भवन में दो कार पार्किंग के साथ ही नार्थ ईस्‍ट फेसिंग की जानकारी विज्ञापन के साथ दी गई है। वहीं प्रोजेक्‍ट का नाम पीएमओ कार्यालय वाराणसी दिया गया है। वही एसएसपी वाराणसी अमित कुमार पाठक ने कहा कि  ओएलएक्‍स पर दिए गए विज्ञापन को तत्‍काल हटा लिया गया है और इस मामले की जांच कराई जा रही है।
इसी वर्ष फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय जनसंपर्क कार्यालय का पता बदला
वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय का पता इस साल मध्‍य फरवरी को बदल गया। पहले रवींद्रपुरी में पीएम का संसदीय कार्यालय था जो 18 फरवरी 2020 से जवाहरनगर एक्‍सटेंशन में हो गया है। दरअसल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में अपने सांसद के संपर्क के लिए एक कार्यालय की आवश्‍यता हुई तो इसे रवींद्रपुरी में खोला गया था। दरअसल रवींद्रपुरी स्थित पुराने कार्यालय का एग्रीमेंट पांच साल की अवधि तक का ही था, अवधि समाप्त होने के कारण स्थान बदलना पड़ा। वर्षों तक यहीं पर पीएम के संपर्क के लिए लोग आवेदन लेकर आते रहे। साथ ही जनसुनवाई के लिए भी मंत्रियों का यहां आना जाना लगा रहता था।

 रिपोर्ट तौफीक खान