फसल अवशेष प्रबंधन योजना खतरे में, कृषि विभाग की मनमानी से किसान हुए परेशान

फसल अवशेष प्रबंधन योजना खतरे में, कृषि विभाग की मनमानी से किसान हुए परेशान

लखनऊ / उत्तर प्रदेश कृषि यंत्रीकरण विभाग के लापरवाही से किसान परेशान फसल अवशेष प्रबंधन पर मंडरा रही है खतरा जिससे किसान पराली जलाने को हो सकते है मजबूर तथा बढ़ सकती है प्रदूषण 

इस वित्तीय वर्ष में संयुक्त कृषि निदेशक (अभियंत्रण) के पद पर अशीन श्री नरेंद्र कुमार की मनमानी और कृषि यंत्र निर्माता कंपनियों के साथ सकारात्मक कार्य नहीं करने के कारण इस वित्तीय वर्ष कई यंत्र निर्माता कंपनियों को सूचीबद्ध से बाहर कर दी गई है जिससे प्रदेश के किसान परेशान है , खासकर फसल की कटाई शुरू हो चुकी है लेकिन अभी तक फसल अवशेष प्रबंधन आधारित यंत्रों की व्यवस्था किसान को अनुदान पर नहीं कराई जा पाई है जिससे किसानों के साथ विकट परिस्थिति बनी हुई है,साथ ही कई विगत वर्ष यंत्र निर्माता कंपनियों से कागजात जमा कराने के बावजूद सूचीबद्ध नहीं किया गया जबकि नरेंद्र कुमार पद ग्रहण करते ही नई अधिसूचना जारी कर प्रक्रिया की

सूचना प्रेस के माध्यम से देकर निर्माता कंपनियों से कागजात पुनः जमा कराकर नई सूची जारी करा दी जबकि पूर्व में समाचार पत्रों में सूचना के बावजूद प्रदेश के बाहर के निर्माता कंपनियों को ईमेल के माध्यम से3 सूचित कर कागजात जमा कराए जाते थे तथा सकारात्मक प्रयास कर अधिक से अधिक कंपनी को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया थी ताकि किसान अपने पसंदीदा यंत्र किसी भी कंपनी से खरीद सकते थे l

इस बार कम निर्माता कंपनियों की गुपचुप तरीके से सूचीबद्ध होने के कारण किसानों को कंपनी के मनमानी सहनी पड़ सकती है जिससे योजना प्रभावित हो सकती है l

साथ ही आज जानकारी मिली कि कई निर्माता कंपनियों के मालिक एवं प्रबंधक आज संयुक्त कृषि निदेशक अभियंत्रण श्री नरेंद्र कुमार से मिलकर जानकारी प्राप्त करना चाहे तो उन्होंने साफ शब्दों में मिलने से मना कर दिया जो कि तानाशाही होने एवं अपने कर्तव्यों का निर्वहन किसान हित में नहीं करने का परिचायक है l

साथ ही इस मामले को किसान यूनियन के सदस्यों ने भी ईमेल के माध्यम से प्रदेश के किसान हित में कार्य करने का आग्रह किया है जिसकी प्रतिलिपि प्राप्त है 

ऐसे मामले में उच्च पदाधिकारियों को संज्ञान लेकर प्रदेश एवं किसान हित में कार्य करनी चाहिए ताकि फसल अवशेष प्रबंधन के साथ साथ पर्यावरण भी बचाई जा सके