लखनऊ शूटआउट में मारे गए मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह का अंतिम संस्कार गाजीपुर में किया गया, अजीत के इकलौते बेटे अविरल ने मुखाग्नि दी
गाजीपुर : बुधवार की शाम लखनऊ में हुए शूटआउट में मारे गए अजीत सिंह की डेड बॉडी गुरुवार की रात उसके पैतृक गांव मुहम्दाबाद गोहना के देवसीपुर गांव लायी गयी ।इस बीच अजीत के जानने वाले उसके घर पर जुटने लगे।लखनऊ पुलिस ने भरसक प्रयास किया कि अजीत का अंतिम संस्कार लखनऊ में ही गोमती किनारे कर दिया जाय।इसको लेकर घर वालों ने विरोध किया। घर वालों को समझाने में नाकाम पुलिस ने अजीत के परिजनों पर हल्के बल का प्रयोग भी किया।आखिर में पुलिस , लखनऊ में अंतिम संस्कार नही कर अजीत के घरवालों के कहने पर लाश को उसके पैतृक गांव लाने को तैयार हो गयी।करीब 100 पुलिस कर्मियों की सिक्योरिटी में अजीत की डेड बॉडी को उसके पैतृक गांव लाया गया।घर वालों की मंशा थी कि अजीत का अंतिम संस्कार वाराणसी के मरकर्णिका घाट पर किया जाय थे,लेकिन सुरक्षा कारणों से पुलिस ने ऐसा करने से मना कर दिया।
मऊ जनपद के लोग पहले भी गंगा किनारे गाजीपुर में ही अंतिम संस्कार करते रहे है।इसी परिपाटी को देखते हुए अजीत के घरवालों ने उसका दाह संस्कार गाजीपुर में करने का निर्णय लिया।अजीत का एक बेटा और एक बेटी है।बेटे की उम्र सात साल है,बेटी की उम्र 12 साल बताई जा रही है।अजीत दो भाई है, उसका दूसरा भाई दिल्ली में कारोबार करता है।गाजीपुर के शमशान घाट पर अजीत के शव को गुरुवार रात ढाई बजे उसके बेटे अविरल उर्फ सोनू ने मुखाग्नि दी।घाट पर शांति व्यवस्था को देखते हुए प्रभारी नगर कोतवाल एसएस आदर्श भारी पुलिस फ़ोर्स के साथ मौजूद रहे।ढाई बजे शरू हुआ दाह संस्कार शुक्रवार के सुबह 6 बजे तक खत्म हुआ।बताते चले कि,अजीत की ससुराल गाजीपुर जनपद के बसेवा गांव में है।
गाजीपुर से संवाददाता विकाश शर्मा की रिपोर्ट