Varanasi News:दूसरे दिन भी बिजली कर्मियों ने भरी हुंकार,जेई संगठन ने प्रबंधन पर लगाए ये आरोप

वाराणसी l राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन वाराणसी की क्षेत्रीय शाखा के नेतृत्व में प्रबंधन द्वारा किए गए अनैतिक एवं अन्यायपूर्ण निलंबन के विरुद्ध बुधवार को भी अधीक्षण अभियंता, नगरीय विद्युत वितरण खण्ड प्रथम के कार्यालय में अपना जबरदस्त विरोध दर्ज कराया गया। जिसमें वाराणसी क्षेत्र में विद्युत वितरण का कार्य कर रहे समस्त अवर अभियंता एवं प्रोन्नत अभियंताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
अधीक्षण अभियंता कार्यालय के समक्ष विरोध सभा में जनपद अध्यक्ष इं मनीष राय द्वारा संबोधन में बताया गया कि वाराणसी के मुख्य अभियंता अपनी पूरी मनमानी करते हुए सेवा नियमावली एवं विभागीय नियमों को ताक पर रखकर लगातार अन्यायपूर्ण तरीके से निलंबन की कार्यवाही की जा रही है और साथ ही अपने द्वारा अनैतिक नियम बनाकर उनके पर हावी संगठन विशेष के लोगों के साथ मिलकर अवर अभियंताओं को जबरदस्ती मॉब लीचिंग का शिकार बनाने के लिए दबाव बनाया जाता है। इं. प्रमोद कुमार अवर अभियंता का निलंबन किया गया जबकि जांच समिति द्वारा उन्हें निर्दोष साबित कर दिया गया था। ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्य अभियंता मा. प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र को अवर अभियंता मुक्त जनपद बनाने में जुटे है। जबकि अवर अभियंता प्रोन्नत अभियंता दिन रात एक करके आम जनमानस को निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान करने में अपना पूर्ण योगदान दे रहे है। केंद्रीय पदाधिकारियों से अनुरोध है कि अवर अभियंताओं के समर्पण के इस आदेश का खुलकर विरोध करना अति आवश्यक एवं समय की मांग है। संबोधन के अगले क्रम में केंद्रीय उपमहासचिव इं. दीपक गुप्ता द्वारा बताया गया कि अधीक्षण अभियंता द्वारा इं. सत्येंद्र कुमार गुप्ता अवर अभियंता को बगैर किसी जांच पड़ताल के कार्यों में लापरवाही करने का आरोप लगाकर निलंबित कर दिया, जबकि उक्त अवर अभियंता ने अपने स्तर से कोई भी गलती नहीं किया था। दूसरे प्रकरण में डीपीएच वाराणसी के कार्यक्षेत्र में दिनांक 21.09.2025 को घटित हुई घातक विद्युत दुर्घटना के संबंध में बिना किसी दोष के संबंधित अवर अभियंता एवं वर्तमान क्षेत्रीय अध्यक्ष वाराणसी इं. पंकज कुमार जायसवाल तथा प्रोन्नत अधिकारी इं. जितेंद्र प्रसाद को निलंबित कर दिया गया जबकि उन दोनों का कोई दोष नहीं था, जिसकी जांच अधिशासी अभियंता नगरी विद्युत वितरण खंड मड़ौली वाराणसी के द्वारा भी की गई। जांच आख्या प्रबंधन को प्रेषित भी की गई थी, जांच आख्या में कोई भी दोषी नहीं पाए गए थे परंतु अध्यक्ष पावर कॉरपोरेशन द्वारा जारी दिशा निर्देश का खुला उल्लंघन कर सिर्फ अवर अभियंता एवं प्रोन्नत अभियंता को निलंबित कर अपने चहेते अधिशाषी अभियंता के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं किया गया। उपरोक्त सभी अन्यायपूर्ण एवं अनैतिक निलंबन से स्पष्ट हो रहा है कि वर्तमान अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता महोदय द्वारा द्वेषपूर्ण रवैया अपनाते हुए राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के पदाधिकारियों को चुन चुन कर किन्हीं न किन्हीं कारणों से लगातार उत्पीड़न किया जाता रहा है। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन सदैव संवाद से समाधान के मूल मंत्र को आत्मसात कर अन्याय के विरुद्ध न्याय प्राप्ति हेतु सदैव प्रयत्नशील रहा है। अधीक्षण अभियंता कार्यालय के समक्ष आज दूसरे दिन भी संगठन के समस्त सदस्य एवं पदाधिकारी अपनी सामूहिक उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं परंतु अधीक्षण अभियंता अपना तानाशाही रवैया अपनाते हुए संगठन के प्रतिनिधि से वार्ता भी नहीं करना चाहते और कार्यालय छोड़कर अन्यत्र घूम रहे है।