दिल्ली हिंसा पर ABVP ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में की सभा, लाल किले पर प्रदर्शन का किया विरोध
वाराणसी। गणतंत्र दिवस पर कथित किसानों द्वार देश की अस्मिता लाल किले पर किये गए प्रदर्शन और पूरी दिल्ली में किये गए हिंसक प्रदर्शन के विरोध में गुरुवार को ABVP बीएचयू ने विश्वविद्यालय कैम्पस में विरोध किया। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने इस प्रदर्शन की कड़े शब्दों में निंन्दा की है।
राष्ट्रीय पर्व पर कथित किसान आंदोलनकारियों के द्वारा दिल्ली में लालकिले प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज वाले स्थान सहित अलग-अलग गुंबदों पर कथित किसान संगठनों के नाम पर खालिस्तानी, वामपंथी झंडे फहराने के अक्षम्य अपराध, हिंसा, पुलिस जवानों पर हमले जैसी घटनाओं की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय विभाग ने परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर पर प्रदर्शन कर कड़ी निंदा की। इस दौरान दिल्ली में हुई हिंसा का पुरजोर विरोध विद्यार्थियों द्वारा किया गया।
इस मौके पर विद्यार्थी परिषद के सह संयोजक अभय प्रताप सिंह ने कहा, किसान परेड के नाम पर जिस तरह की हिंसा, अराजकता तथा देश का अपमान हुआ, वह अलोकतांत्रिक तथा अराजकता की पराकाष्ठा है। कांग्रेस, वामपंथी दलों सहित जिन भी लोगों तथा संगठनों ने इस कथित किसान आंदोलन को हवा दी, वे सभी इस अपमान के लिए देश से क्षमा याचना करें।
देश की वर्तमान प्रजातांत्रिक व्यवस्था को प्राप्त करने के लिए भारतीय महापुरुषों ने जो अतुलनीय योगदान दिया था, उसका भी आज हुई अराजकता के दोषियों ने ध्यान नहीं रखा। अभाविप भारत सरकार से आज हुई घटनाओं के जिम्मेदारों को खोजकर उन पर कड़ी कार्रवाई की मांग करती है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान साक्षी सिंह ने कहा कि 26 जनवरी की सुबह जब भारतीय गणतंत्र अपने 72 वें वर्ष में प्रवेश कर राजपथ पर भारतीय गौरव की प्रतीक परेड के माध्यम से उत्सव में सराबोर था, उसके समानांतर कांग्रेस, वामपंथी संगठनों द्वारा समर्थित कथित किसान परेड के दौरान हुई हिंसा, सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ तथा राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान आदि निंदनीय कृत्यों ने सम्पूर्ण देश को हतप्रभ तथा निराश किया है। इस हिंसा की योजना बनाने वाले कथित किसान नेताओं पर कड़ी करवाई होनी चाहिए।
संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के इकाई अध्यक्ष पुनीत मिश्रा ने कहा कि “भारतीय ध्वज देशवासियों के लिए प्राणो से भी ज़्यादा प्यारा होता है।जिन गुंडों द्वारा सुनियोजित तरीके से ध्वज का अपमान किया गया वह असहनीय है।इस साजिश में शामिल वामपंथी एवं खालिस्तान के नेताओ पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
सभा के संचालक सर्वेश सिंह ने कहा कि वामपंथियों ने पिछले एक साल से देशवासियों को बरगला कर अलग अलग कारणों से हिंसा को अंजाम दिया है। इन सभी पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
विरोध प्रदर्शन एवं सभा के दौरान सुयज्ञ राय ने कहा कि भारत के मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया जाएगा एवं 26 जनवरी के दिन हुई इस शर्मनाक हरकत के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा के लिए युवा संघर्षरत रहेगा।
इस दौरान विभाग संगठन मंत्री रतनेश त्यागी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राहुल राणा, पल्लव सुमन, हर्ष सिंह, सुबोधकांत मिश्र, रजनीश मिश्र, समीर सिंह, वैष्णवी, आभा, त्रिशला पाठक, आदित्य तिवारी, विषश्वेन्द्र, रजत, सुमन, प्रिया, मनदीप समेत बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे एवं भारत माता की जय, वंदे मातरम के उद्घोषों से परिसर को गुंजयमान किया
रिपोर्ट विशाल कुमार