पुलिस की मदद से स्टे आर्डर को ठेंगा दिखाकर मकान पर किया जा रहा है अवैध कब्जा

पुलिस की मदद से स्टे आर्डर को ठेंगा दिखाकर मकान पर किया जा रहा है अवैध कब्जा

दूसरे पक्ष ने एसपी से की शिकायत, कटरा कोतवाल पर लगाया पर्दे के पीछे से पहले पक्ष को षह देने का आरोप

मिर्जापुर / उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद में शुक्रवार को बंटवारे को लेकर 22 वर्षों से चल रहे मकान व विवादित भूमि पर अदालत द्वारा दिये गये आदेश स्टे आर्डर के खिलाफ एक पक्ष द्वारा अवैध रूप से कब्जा करने के खिलाफ दूसरे पक्ष ने जिले के कप्तान अजय कुमार सिंह को शिकायत पत्र सौंपा है। वादी ने एसपी श्री सिंह से तत्काल मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाते हुए शहर के कटरा कोतवाली की पुलिस पर मिलीभगत करने का आरोप भी लगाया है।

   

   मामला हैं कटरा कोतवाली थाना क्षेत्र के डंकीनगंज इलाके में स्थित वार्ड संख्या आठ के मकान संख्या 623 का। जिसे लेकर सन् दो हजार में चैदह जनवरी को बंटवारे के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन मिर्जापुर में तुलसीदस आदि बनाम नरायनदाय आदि के बीच वाद दाखिल है। जिसकी पैरवी कर रहे डंकीनगंज निवासी प्रहलाद दास पुत्र भरतलाल ने एसपी को दिये शिकायत पत्र में कटरा कोतवाली पुलिस की संदिग्ध कार्यवाही पर सवालिया निशान उठाते हुए बताया कि वाद संख्या 11 सन् दो हजार इक्कीस मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने यह भी बताया कि अगले महिने की 22 फरवरी को मामले की सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित हैं। बावजूद इसके डंकीनगंज निवासी नरायनदास एवं राजेन्द्र प्रसाद पुत्रगण छेदीलाल द्वारा क्षेत्रीय पुलिस की मदद से अवैध कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं, और जब इसपर वादी द्वारा रोक लगाने की कोशिश की जा रही हैं तो वे लड़ाई-झगड़ा पर अमादा है। वादी ने कहा कि कानून एवं शांति व्यवस्था बरकरार रखने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग पर हैं, लेकिन बिना अदालत के आदेश के प्रतिवादी द्वारा अवैध कब्जा करनेके विरूद्ध किसी तरह की कार्यवाही नहीं की जा रही हैं, जो सीधे-सीधे पुलिस विभाग की असंवेदनशील कार्यवाही की ओर इशारा कर रहा है, जिसका भारी खामियाजा वादी के परिवार को भुगतना पड़ेगा।

  वादी ने कटरा कोतवाली पुलिस की संदिग्ध कार्यवाही के मद्देनजर शुक्रवार को जिले के कप्तान अजय कुमार सिंह के दरबार में मामला पहुंचा दिया हैं, जिसपर क्या कार्यवाही होती हैं, अब यह देखने वाली विषय है। फिलहाल एसपी श्री सिंह ने वादी को न्याय दिलाने के लिए आश्वस्त किया है। हालांकि दूसरे पक्ष से भी संपर्क साधने की कोशिश की गयी, पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया नहीं तो उनका पक्ष भी साफ हो पाता, कि आखिर वे इस तरह की कार्यवाही 22 वर्षों बाद क्यूं कर रहे हैं, जब अगले महिने ही इस मामले पर सिविल जज सीनियर डिवीजन मिर्जापुर द्वारा फैसला दिया जाना निर्धारित है। इतने वर्षों तक जिस मामले पर कानून का राज रहा हैं, तो फिर ऐसा कैसे हो सकता हैं कि उसी मामले में फैसला आने के ठीक पहले अवैध रूप से एक पक्ष द्वारा कार्य किया जा रहा हैं, और कानून के रखवाले इसपर चुप्पी साधे हुए है। 

    फिलहाल वादी द्वारा एसपी श्री सिंह के अलावा शिकायत की प्रतिलिपि आयुक्त योगेश्वर राम मिश्र एवं उपजिलाधिकारी को भी न्याय दिलाने के लिए सौंपा गया है।

रिपोर्ट सुधीर सिंह