निजीकरण के विरोध मे देश भर के 15 लाख विधुत कर्मचारियों ने किया सांकेतिक कार्य बहिष्कार

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मिर्जापुर : निजीकरण के विरोध में देशभर के 15लाख बिजलीकर्मीयों ने 3फरवरी को किया सांकेतिक कार्य बहिष्कार। इसी क्रम मे 

मिर्जापुर में केन्द्र सरकार की निजीकरण नीति के विरोध में तथा बिजली विभाग की अन्य समस्याओं के समाधान के लिए देश के 15 लाख बिजली कर्मचारीयों ने तीन फरवरी को किया ‘सांकेतिक कार्य बहिष्कार' जिसमे विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध एवं बिजली कर्मियों की ज्वलंत समस्याओं के समाधान के लिए इस "सांकेतिक कार्य बहिष्कार" में न केवल शामिल होने का निश्चय किया है बल्कि इस एक दिवसीय "सांकेतिक कार्य बहिष्कार" का नोटिस केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री और प्रदेश सरकार को भी दे दिया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक अभय सिंह नें बताया कि बिजली के निजीकरण का प्रयोग "उड़ीसा" , "ग्रेटर नोएडा" और "आगरा" में बुरी तरह विफल होने के बावजूद केन्द्र सरकार ने बिजली के निजीकरण की दिशा में "इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेट) बिल 2020" एवं "स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट" जारी किया है।

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यही नहीं केंद्र सरकार के निर्देश पर केंद्र शासित प्रदेशों "चंडीगढ़" और "पांडिचेरी" में बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है जिसे लेकर देश भर के बिजलीकर्मियों में असंतोष है। 

उन्होंने कहा कि सरकार की हठधर्मी के विरोध में प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता आज "03 फरवरी" को देश के 15 लाख बिजली कर्मियों के साथ एक दिवसीय सांकेतिक कार्य बहिष्कार कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि बिजली कर्मचारी किसान आंदोलन को नैतिक समर्थन प्रदान कर रहे हैं जिनकी मांगों में "इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020" की वापसी प्रमुख है

मिर्जापुर से ब्यूरो गुड्डू खाँ की रिपोर्ट