वाराणसी के श्मशान की अनोखी होली,जलती चिताओं के बीच उड़े भस्म तस्वीरें कर देंगी हैरान
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वाराणसी l बनारस अद्भुत है..बनारस अनोखी है...यहां श्मशान में होने वाली होली पूरे दुनिया में सबसे निराली है.ऐसा इसलिए क्योंकि महादेव के इस शहर में भोले के भक्त सिर्फ रंग और गुलाल से नहीं बल्कि चिता की राख से भी होली खेलते है. यहां श्मशान में भी गम के बीच होली की मस्ती देखने को मिलती है और इस मस्ती में लोग अपने गम को भी कुछ समय के लिए भूलकर होली के रंग में रम जाते है.शुक्रवार को ऐसा ही अद्भुत नजारा हरिश्चंद्र घाट पर देखने को मिला.
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बनारस के हरिश्चंद्र घाट पर हुए इस मसान की होली में देश के अलग अलग जगहों के औगढ़ और अघोरी आए है और श्मशान में जलती चिताओं के बीच होली खेली. सिर्फ औगढ़ और अघोरी ही नहीं बल्कि देसी और विदेशी पर्यटक भी इस अद्भुत होली के साक्षी बने. रंगभरी एकदाशी के दिन हुए इस होली में 8 क्विंटल से ज्यादा भस्म उड़े और लोग इस भोले के रंग में रच गए.
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आयोजक पवन चौधरी ने बताया कि 8 क्विंटल भस्म के अलावा 50 किलो गुलाब की फूल और चिता की राख से होली खेली गई. ये होली पूरे दुनिया में मशहूर है.श्मशान में खेली गई इस होली से पहले भगवान भोले की बारात निकली जिसमें शिव के 21 स्वरूपों की झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही.जिस किसी ने भी होली और शिव बारात के इस अद्भुत तस्वीर को देखा वो इसे कैमरे में कैद करने को मजबूर हो गया.
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इसके अलावा इस होली में सैकड़ों तांत्रिक,औगढ़ और अघोरी भी शामिल हुए जो देश के विभिन्न हिस्सों से आए थे.इस होली को देखने आए राजेन्द्र ने बताया कि उन्होंने ऐसी अद्भुत और अनोखी होली पहले कभी नहीं देखी थी.बता दें कि रंगभरी एकादशी के अगले दिन महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर मसान की होली होती थी लेकिन अब इस होली का रंग हरिश्चंद्र घाट पर भी चढ़ गया है.