काशी में हनीमून मनाने आते है साइबेरियन बर्ड,जानें अनसुने किस्से
वाराणसी l धर्म नगरी काशी की खूबसूरती निहारने के लिए दुनियाभर से पर्यटक यहां आते है.यहां के खूबसूरत घाटों के अलावा मंदिर और गलियों का दीदार करते है.गुलाबी ठंड के बीच गंगा तट पर बसा ये खूबसूरत शहर विदेशी परिंदों का हनीमून डेस्टिनेशन बन जाता है.हर साल ठंड के सीजन में हजारों किलोमीटर का सफर तय कर साइबेरियन बर्ड्स काशी आते हैं.इन विदेशी परिंदों के काशी आने से यहां के घाटों की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है.
दरअसल,रूस से लगे महासागर के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र से ठंड के सीजन में यह साइबेरियन पक्षी अपने देश को छोड़ हजारों किलोमीटर का सफर कर काशी आते है.बीएचयू की बर्ड साइंटिस्ट चांदना हलदार ने बताया कि यह पक्षी काशी आते है तो यहां गंगा की लहरों में अटखेलियां करते है और गंगा उस पार रेत पर प्रजनन के बाद अंडे देते है.चार महीने बाद जब गर्मी के सीजन की शुरुआत में यह पक्षी वापस अपने वतन लौटते है तो उनके साथ उनके बच्चे भी होते है.
भोजन की तलाश में छोड़ते है वतन
बताते चलें कि भोजन की तलाश और वातानुकूलित जगह की तलाश में यह विदेशी परिंदे यहां आते हैं.प्रोफेसर चांदना हलदाल में बताया कि इन पक्षियों के काशी आने का रास्ता भी बिल्कुल सेम होता है.पिछले साल ये जिस रास्ते से काशी आते है हर बार वो उसी रास्ते को यहां आने के लिए चुनते है.कई बार ऐसा भी होता है कि इस लम्बे सफर के दौरान कई पक्षी दम भी तोड़ देते हैं.
पर्यटकों के लिए रहते है आकर्षण का केंद्र
वाराणसी के गंगा की लहरों पर अटखेलियां करने वाले ये खूबसूरत विदेशी परिंदे यहां आने वाले हजारों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होते है.यहां आने वाले पर्यटक इन्हें दाना भी देते है और इनके साथ फोटो खिंचाकर उसे यादगार भी बनाते है.