IIT BHU में खुलेगा गंगा लैब,13 साल बाद फिर शुरू होगा शोध,सरकार की योजनाओं को मिलेगी रफ्तार

IIT BHU में खुलेगा गंगा लैब,13 साल बाद फिर शुरू होगा शोध,सरकार की योजनाओं को मिलेगी रफ्तार

वाराणसी: गंगा के शुद्धिकरण और निर्मलीकरण के लिए केंद्र सरकार कई योजनाएं चलाई जा रही है.इन योजनाओं को रफ्तार देने के लिए आईआईटी बीएचयू में फिर से।गंगा लैब की शुरुआत होने जा रही है.आईआईटी बीएचयू में अगले 6 महीने से इसे शुरू कर लिया जाएगा.बताते चलें कि साल 2011 में आईआईटी बीएचयू के इस लैब पर ताला लगा था लेकिन अब 13 साल बाद दोबारा से देश के इस सबसे बड़े लैब में गंगा को लेकर रिसर्च शुरू होगा.

आईआईटी बीएचयू के असिस्टेंट प्रोफेसर और इस योजना के नोडल अधिकारी प्रमोद सोनी ने बताया कि यह गंगा लैब भारत का सबसे बड़ा लैब है.1980 में इसे स्थापित किया गया था.हालांकि इसकी आधारशिला 1946 में रखी गई थी. लेकिन किसी कारण वश इस लैब को 13 साल पहले बन्द कर दिया था. लेकिन अब 20 लाख रुपये खर्च कर इसे दोबारा से शुरू किया जा रहा है.

प्रदूषण कम करने पर होगा मंथन

इस लैब में गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में अहम काम किए जाएंगे.यहां गंगा का एक मॉडल भी बनाया जाएगा जहां गंगा पर पूरा अध्ययन होगा की गंगा में डाउन स्ट्रीम में कैसे प्रदूषण आ रहा है और उसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकतें है.इसके अलावा गंगा में बनने वाले नए ब्रिज और बांध का क्या असर होगा और उससे कैसे गंगा को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कदम उठाना चाहिए. इस पर भी एक्सपर्ट मंथन करेंगे.इतना ही नहीं गंगा के अलावा दूसरी छोटी नदियों के प्रदूषण पर भी आईआईटी बीएचयू करेगा और यह लैब इसमे अहम भूमिका निभाएगा.

265 करोड़ की योजनाओं को केंद्र से मिली है हरी झंडी

बताते चलें को आईआईटी बीएचयू में गंगा और दूसरी नदियों की सफाई को लेकर बड़े प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है. दो महीने पहले ही केंद्र सरकार की ओर से देश भर में नदी स्वच्छता प्रोजेक्ट के लिए 265 करोड़ रुपये की 9 परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई है