जलशक्ति मंत्री को स्वामी जितेन्द्रानंद ने भेजा पत्र, गंगा के दोनों तट पर शवदाह गृह बनवाने की मांग...
वाराणसी। कोरोना महामारी के दौरान गंगा किनारे शवों का बड़ी मात्रा में पाया जाना चर्चा का विषय रहा। सगे-संबंधियों द्वारा परिजनों के शव की अंत्येष्टि न कर उसे गंगा में बहा देना मानवीय रिश्तों को तार-तार करता दिखा। इसकी चिंता करते हुए भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित गंगा महासभा ने केंद्र सरकार के जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखा है। राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद ने मांग की है कि वह गंगा के दोनों ओर प्रदूषण से मुक्त विद्युत शवदाह गृह बनवाएं। यह शवदाह गृह ऐसी जगह हों जहां किसी भी मौसम में लोग आसानी से आ-जा सकें।
स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती के अनुसार शवों को जलाए जाने वाली लकड़ी के काम में बड़े-बड़े माफिया लगे हैं। वह नहीं चाहते हैं कि परंपरागत श्मशान स्थल पर विद्युत शवदाह गृह बनें। इसलिए परंपरागत शमशान स्थल से इतर गंगा के दोनों छोर पर विद्युत शवदाह गृह बनाए जाएं। इस कवायद से शव की अंत्येष्टि के दौरान लोगों की भीड़, श्रम, समय और धन की बचत होगी।