उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने विपक्ष पर साधा निशाना,कहा आरोप लगाना आसान

उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने विपक्ष पर साधा निशाना,कहा आरोप लगाना आसान

वाराणसी। एक दिवसीय दौरे पर बनारस पहुंचे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा शनिवार को बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के बाद विपक्ष पर जमकर बरसे। डॉ. शर्मा ने कहा कि घर में बैठ कर ट्वीट करना और वास्तव में धरातल पर जाकर इंतजाम करने में बहुत अंतर होता है। यदि व्यवस्था करने के बारे में किसी को सीखना है तो वह हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हमारी सरकार से सीख कर प्रेरणा लें। उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों का नाम नहीं ले रहा हूं, लेकिन उनकी जो बारंबार हार हो रही है, उससे वह अभी भी सीख नहीं ले रहे हैं।

पलटवार कर बोले विपक्षी दलों में है हताशा

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में कहा था कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार सिर्फ अपने प्रचार-प्रसार में व्यस्त है। इस पर डॉ. शर्मा ने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं में हताशा है। विकास कार्यों के बारे में विपक्ष का कोई नेता कुछ कह नहीं सकता है। उनके पास आरोप लगाने का कोई विकल्प नहीं बचा है। इसलिए लोग अपने कामों की तुलना नहीं करते हैं। प्रदेश सरकार जिस तरह से जनसेवा के साथ ही सामाजिक कार्य और आधारभूत संरचना पर ध्यान देने के अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा और लॉ एंड ऑर्डर को लेकर काम कर रही है, उससे विपक्ष में हताशा है। हालांकि जनता प्रसन्न है।   

बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं

कोरोना की संभावित तीसरी लहर के स्कूल फिर खुल गए हैं। कई जगह से सूचना है कि बच्चों की मौत भी हो रही है। इस सवाल पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भी मौत कहीं भी हो, वह हमारे लिए बेहद ही दुखदायी है। बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। अगर कहीं ऐसा लगेगा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस पर तत्काल गंभीरता से विचार कर उचित और प्रभावी निर्णय लिया जाएगा।

सभी जिलों में 75-75 शिक्षक होंगे सम्मानित

शिक्षक दिवस पर प्रदेश के सभी 75 जिलों में उच्च शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग के 75 शिक्षक सम्मानित किए जाएंगे। सम्मानित होने वाले शिक्षकों के चयन का मापदंड यही रखा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान क्या किया। ऑनलाइन पढ़ाई कैसे कराई। उनका पब्लिकेशन कैसा रहा। डॉ. शर्मा ने कहा कि यूपी सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नया आयाम दिया है। प्रदेश की नई शिक्षण व्यवस्था अन्य 

राज्यों को अब राह दिखाने का काम कर रही है। पिछली सरकार से विरासत में मिले खस्ताहाल शिक्षा तंत्र में लाए गए बदलाव अब विद्यार्थियों के लिए तरक्की के नए द्वार खोल रहे हैं। यह बदलाव पिछले साढ़े चार साल में सही मंशा से किए गए कार्यों का परिणाम हैं।