वाराणसी पुलिस की निरंकुशता से माननीय से हिस्ट्रीशीटर बने अमीरचंद
वाराणसी : पुलिस की मदद से विपक्षीगणो द्वारा विगत 8 वर्षों से सामाजिक, आर्थिक, व्यापारिक, राजनीतिक छवि धूमिल करने तथा धुर-विरोधियों द्वारा पुलिस से साँठ-गांठ कर तथा खा-पिलाकर प्रार्थी तथा प्रार्थी के परिवार को फर्जी मुकदमों मे फंसाकर हत्या कराये जाने की हर संभव कोशिश किए जाने के संदर्भ मे,
जनपद वाराणसी की पुलिस इन दिनों काफी सुर्खियां बटोर रही हैं वाराणसी प्रशासन के ऊपर आरोप लगाते हुए जमीन के क्रय विक्रय के कारोबार के साथ जन-प्रतिनिधि करने वाला सक्षम राजनीतिज्ञ तथा प्रतिष्ठित व्यक्ति है तथा प्रार्थी के धुर विरोधी भू-माफिया विपक्षीगण जिनका कि एक नाजायज रसूखदार, धनबलयुक्त गिरोह है और किसी भी सरकार / शासन में अपनी पैठ / पहुँच बनाकर लगभग विगत 8 वर्षों से पुलिस प्रशासन सुनियोजित तथा बाकायदा संजिश करके समय समय पर धनउगाही तथा ब्लैकमेलिंग किए जाने की नियत से प्रेरित होकर प्रार्थी तथा प्रार्थी के परिवार के ऊपर किसी भी विपक्षी द्वारा प्रार्थी के खिलाफ फर्जी व झूठी तहरीर दिया जाता है, उस पर पुलिस प्रशासन भी तत्काल बिना किसी जांच के एफ़आईआर पंजीकृत कर देती है तथा जनपद पुलिस की देख रेख मे उक्त गिरोह सक्रिय होकर विधिविरुद्ध तथा कानून को ठेंगा दिखाते हुए आपराधिक कृत्य कारित करते हुए प्रार्थी तथा प्रार्थी के परिवार के सदस्यों की हत्या, लूट, तथा अपहरण का भरपूर प्रयास किए जाने की कार्यवाही प्रारम्भ करते चले आ रहे है और बीते वर्षों में प्रार्थी की पत्नी तथा प्रार्थी के श्वसुर की निर्मम तथा बर्बरता पूर्वक हत्या भी करवा चुके हैं जिसमे पुलिस प्रशासन की भूमिका सदैव से संदिग्ध रही है और विपक्षी लगातार प्रार्थी के पुत्र, पुत्री सहित प्रार्थी की भी हत्या करवाने की नाकाम सांजिश रचते रहते हैं और इसीलिए पुलिस प्रशासन द्वारा मानसिक रूप से उक्त लोगों द्वारा बार बार प्रताड़ित करना, मानसिक तथा सामाजिक उत्पीड़न कर प्रार्थी की मान प्रतिष्ठा को लगातार धूमिल करना इत्यादि इनकी दिनचर्या मे शामिल हो गया है और इसी अनुक्रम में थाना रोहनिया पुलिस द्वारा दिनांक 17.03.2021 को प्रार्थी के भतीजे प्रवेश पटेल ब्लाक प्रमुख काशी विद्यापीठ जनपद वाराणसी को बाकायदा विपक्षीगण मोटी रकम का लाभ लेकर प्रार्थी के थाना रोहनिया अन्तर्गत स्थित केशरीपुर की जमीन पर गुंडई व दबंगई पूर्वक कब्जा किए जाने के खिलाफ प्रार्थी द्वारा दिये गए प्रार्थना पत्र पर जब उच्चाधिकारियों ने सज्ञान लिया तो उल्टे एक फर्जी तहरीर के आधार पर प्रार्थी के भतीजे का अन्तर्गत धारा 151 सीआरपीसी मे चालान कर दिया और प्रार्थी को पूरी संभावना है कि पुलिस पप्रशासन एक बार फिर प्रार्थी को जेल भिजवाने में सफल हो जाएंगे और अगर पुलिस प्रशासन अपने आपराधिक षडयंत्र में कामयाब हो गए तो निश्चित तौर पर प्रार्थी के पुत्रगण तथा पुत्री की हत्या करवाए जाने से इंकार नही किया जा सकता है।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि अगर पुलिस प्रशासन का उक्त रवैया पर तत्काल माननीय प्रधानमंत्री / मुख्यमंत्री / डी० जी० पी० उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विराम नहीं लगाया गया तो प्रार्थी एक समाजसेवी तथा जनप्रतिनिधि होने के नाते पुलिस प्रशासन के खिलाफ तत्काल जन आन्दोलन / धरना आदि कार्य कारित किए जाने के लिए बाध्य हो जाएगा।
संवाददाता गणेश कुमार