प्रतिशोध की आग बना निर्मम हत्या का कारण

प्रतिशोध की आग बना निर्मम हत्या का कारण

वाराणसी : कोतवाली थाने के हिस्ट्रीशीटर और उसके दोस्त रवि पांडेय की मिर्जापुर में मिले अधजले शव की गुत्थी सुलझाने का कोतवाली पुलिस ने दावा करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। मोहन निगम की हत्या के आरोपी शुभम केशरी की हत्या की सुपारी उसके मित्रों के द्वारा कारोबारी के साले ने दी थी। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर शुभम की बाइक, कपड़ों के साथ ही वारदात में इस्तेमाल बाइक भी बरामद कर ली है।

बकाए रकम की वापसी को लेकर शुभम केशरी पर मोहन निगम के साले सुनील ने दबाव डालने के साथ ही उसके परिजनों को बेइज्जत कर दिया था। पिता की बेइज्जती से खार खाये शुभम ने अपने साथी नाटे यादव के साथ मिलकर मोहन निगम की 28 अगस्त वर्ष 2017 में व्यवसाई मोहन निगम की हत्या कर दी थी। हत्या में आरोपी शुभम के जेल से बाहर आने के बाद सुनील को अपनी जान का भय सताने लगा। जीजा की हत्या को लेकर सुनील पहले से ही बदले की आग में जल रहा था। उसने शुभम को रास्ते से हटाने के लिए खतरनाक साजिश रची और इस खेल में मोहरा बनाया शुभम के दोस्तों को ही। 

शराब-शबाब और कबाब ले आया मौत का पैगाम

सुनील ने शुभम की हत्या की सुपारी उसके ही दोस्त नीरज और दिलशेर को दी। पांच लाख में सौदा तय हुआ।

साजिश के तहत नीरज और दिलशेर ने शुभम को रमाकांत नगर कालोनी में खाने-पीने की दावत में बुलाया। मित्रों के खतरनाक मंसूबो से अनजान शुभम अपने साथ रवि पांडेय को भी ले गया। वहाँ शबाब तो नसीब नहीं हुआ लेकिन शराब और गांजा का जमकर दौर चला। जब शुभम और रवि नशे में धुत हो गए तब दोनों की गला दबाकर हत्या कर दी गई। 

मिर्जापुर की पहाड़ियों में फेंक आये- हत्या करने के बाद दोनों के शव ठिकाने लगाने के इरादे से लोहटिया से एक मालवाहक बुक किया और दोनों शव को लपेटकर मीरजापुर ले गए। वहाँ पहाड़ी में शव फेंककर वापस आ गए।